मधु और राकेश की प्रेम कहानी



🌸 मधु और राकेश की प्रेम कहानी 🌸





उत्तर भारत के एक छोटे से कस्बे में मधु रहती थी। वह कॉलेज की सबसे होनहार और सुंदर छात्राओं में गिनी जाती थी। उसकी आँखों में हमेशा सपनों की चमक रहती थी। मधु का सपना था कि वह एक दिन अपने माता-पिता का नाम रोशन करे और अपने पैरों पर खड़ी हो।

इसी कॉलेज में राकेश भी पढ़ता था। राकेश पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि उसका दिल बहुत साफ था। वह दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहता था।

एक दिन लाइब्रेरी में दोनों की पहली मुलाक़ात हुई। मधु को एक किताब चाहिए थी, जो आखिरी कॉपी थी और वह राकेश के हाथ में थी। मधु ने झिझकते हुए कहा –
“क्या आप मुझे यह किताब थोड़ी देर के लिए दे सकते हैं? मुझे असाइनमेंट पूरा करना है।”

राकेश मुस्कुराया और बोला –
“किताब आपकी, असाइनमेंट मेरा। हम दोनों साथ बैठकर पढ़ सकते हैं।”

वहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई।


🌺 दोस्ती से प्यार तक

कॉलेज की गलियारों से लेकर लाइब्रेरी की शेल्फ़ तक, दोनों हमेशा साथ दिखने लगे। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। मधु को राकेश का सादगी भरा स्वभाव भाने लगा और राकेश को मधु की मासूम हँसी।

एक दिन कॉलेज के गार्डन में राकेश ने हिम्मत जुटाकर कहा –
“मधु, तुम्हारे बिना ज़िंदगी अधूरी सी लगती है। क्या तुम मेरी जीवनसाथी बनोगी?”

मधु की आँखों में आँसू आ गए, उसने मुस्कुराकर ‘हाँ’ कह दिया।


🌸 संघर्ष और साथ

लेकिन उनकी प्रेम कहानी इतनी आसान नहीं थी। मधु के घरवाले शुरू में राकेश को पसंद नहीं करते थे क्योंकि वह मध्यमवर्गीय परिवार से था। समाज की बाधाएँ, रिश्तेदारों की बातें—सबने उन्हें तोड़ने की कोशिश की।

लेकिन राकेश और मधु ने एक-दूसरे का हाथ नहीं छोड़ा। दोनों ने पढ़ाई पूरी की, नौकरी पाई और अपने रिश्ते को मज़बूत किया। समय के साथ मधु के माता-पिता ने भी राकेश के प्यार और ईमानदारी को स्वीकार कर लिया।


🌹 सुखद अंत

कुछ सालों बाद मधु और राकेश की शादी धूमधाम से हुई। शादी के मंडप में जब राकेश ने मधु की आँखों में देखा तो उसे वही पहला दिन याद आया, जब लाइब्रेरी में किताब के बहाने उनकी कहानी शुरू हुई थी।

आज भी वे दोनों कस्बे में मिसाल बने हुए हैं कि सच्चा प्यार संघर्षों से हारता नहीं, बल्कि और मज़बूत हो जाता है।



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