विभा और योगेश की प्रेम कहानी



🌸 विभा और योगेश की प्रेम कहानी 🌸





🌺 पहली मुलाक़ात

विभा एक छोटे शहर की होनहार लड़की थी। उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने पलते थे। वह कॉलेज की सबसे प्रतिभाशाली छात्राओं में से एक थी। उसकी मुस्कान में मासूमियत और उसकी बातों में गहराई थी।

दूसरी ओर, योगेश उसी कॉलेज का एक छात्र था। वह शांत स्वभाव का, समझदार और हर किसी के काम आने वाला लड़का था। उसे किताबों के साथ-साथ संगीत का भी बहुत शौक़ था।

दोनों की पहली मुलाक़ात कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुई। विभा ने कविता सुनाई और योगेश ने गिटार बजाकर गीत प्रस्तुत किया। जब विभा ने मंच पर खड़े होकर कविता के अंत में नज़र उठाई, तो उसकी आँखें योगेश से मिलीं। दोनों की नज़रों में एक अनकहा आकर्षण था।


🌸 दोस्ती की शुरुआत

कार्यक्रम के बाद योगेश ने विभा से कहा –
“आपकी कविता दिल को छू गई। शायद शब्दों में ही जादू होता है।”

विभा मुस्कुराई और बोली –
“और शायद संगीत में भी, क्योंकि आपकी धुन ने मेरी कविता को और भी खूबसूरत बना दिया।”

यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई। वे लाइब्रेरी में, कैंटीन में, कॉलेज के गार्डन में अक्सर मिलने लगे। कभी किताबों पर चर्चा होती, कभी सपनों पर, तो कभी जीवन की मुश्किलों पर।


🌺 प्यार का इज़हार

समय के साथ यह दोस्ती गहरी होती गई। विभा को योगेश की संवेदनशीलता और ईमानदारी पसंद आने लगी। योगेश को विभा की हंसी और उसका आत्मविश्वास मोहने लगा।

एक शाम कॉलेज के बगीचे में, जब हल्की बारिश हो रही थी, योगेश ने साहस जुटाकर कहा –
“विभा, तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ। क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगी?”

विभा ने कुछ पल चुप रहकर उसकी आँखों में देखा और धीरे से कहा –
“योगेश, यह सवाल नहीं, यह तो मेरी दुआ का जवाब है। मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।”


🌸 संघर्ष और समाज की बाधाएँ

प्यार आसान था, लेकिन रास्ता कठिन। विभा के घरवाले चाहते थे कि वह पढ़ाई पूरी कर किसी बड़े शहर में जाकर नौकरी करे। योगेश एक साधारण परिवार से था, उसके पास उतनी दौलत और शोहरत नहीं थी।

जब घरवालों को उनके रिश्ते का पता चला, तो विरोध हुआ।
“विभा, यह रिश्ता तुम्हारे लिए ठीक नहीं है। योगेश तुम्हें वो ज़िंदगी नहीं दे पाएगा, जो हम चाहते हैं।”

विभा ने दृढ़ आवाज़ में कहा –
“माँ-पापा, ज़िंदगी का सुख पैसे से नहीं, प्यार और भरोसे से मिलता है। और योगेश मुझे वही दे सकता है।”


🌹 संघर्ष से जीत तक

योगेश और विभा ने हार नहीं मानी। दोनों ने पढ़ाई पूरी की और नौकरी पाई। धीरे-धीरे उन्होंने अपने परिवारों को यह साबित कर दिया कि उनका रिश्ता सिर्फ आकर्षण नहीं, बल्कि सच्चे प्यार और विश्वास पर बना है।

समय के साथ विभा के माता-पिता ने भी योगेश की मेहनत और ईमानदारी को पहचाना। आखिरकार वे इस रिश्ते के लिए तैयार हो गए।


🌺 सुखद अंत

शादी का दिन आया। विभा दुल्हन बनी तो उसकी आँखों में वही चमक थी, जो पहली बार योगेश ने कविता सुनते समय देखी थी। और योगेश ने जब विभा का हाथ थामा, तो उसे वही शाम याद आई जब बारिश में उसने अपने दिल की बात कही थी।

दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया कि चाहे कैसी भी मुश्किल आए, वे हमेशा साथ रहेंगे। उनकी कहानी इस बात की मिसाल बनी कि सच्चा प्यार कठिनाइयों से लड़कर और भी गहरा हो जाता है।


✨ इस तरह विभा और योगेश की प्रेम कहानी ने साबित किया कि प्यार सिर्फ भावनाओं का नाम नहीं, बल्कि धैर्य, संघर्ष, और विश्वास का संगम है।



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