🌒 अध्याय 1: चंदन वन की पुकार
संध्या की बेला थी, और आकाश हल्के सिंदूरी रंग में ढल रहा था। आरव, अपने कंधे पर एक पुराना कैमरा और नोटबुक लटकाए, बदनपुर गाँव की कच्ची पगडंडी पर चलता जा रहा था।
उसके कदमों में थकान थी, लेकिन आँखों में जिज्ञासा।
गाँव के बुज़ुर्गों ने उसे चेतावनी दी थी:
“बाबूजी, चंदन वन की ओर ना जाना। वहाँ एक यक्षिणी रहती है। जो भी गया, लौटा नहीं।”
आरव मुस्कुराया था। “यक्षिणियाँ अब भी होती हैं क्या?”
🌲 जंगल में प्रवेश
अगली सुबह वह चुपचाप गाँव के बाहर बने चंदन वन में प्रवेश कर गया।
हर ओर गाढ़ी हरियाली, हवा में चंदन की गंध और रहस्यमयी सन्नाटा।
जैसे ही वह आगे बढ़ा, उसे एक हल्की बाँसुरी की धुन सुनाई दी। आवाज़ में ऐसा सम्मोहन था कि उसका शरीर थम गया। धड़कनें बढ़ने लगीं।
एक झील के पास पहुँचते ही — उसने उसे देखा।
🧝♀️ पहली झलक: चंद्रलेखा
एक स्त्री, झील के किनारे बैठी थी। उसका चेहरा धुँधला था, जैसे धुंध में उकेरा गया चित्र। उसके लंबे बाल जल में बहते थे, और उसकी त्वचा चंद्रमा-सी उजली थी।
वह धीरे से उठी, और उसकी आँखें आरव से मिलीं — हरा तेज, जैसे प्रकृति की आत्मा उसमें समाई हो।
“तुम आ गए…” उसकी आवाज़ में एक सम्मोहन था।
“मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी।”
आरव की साँसें रुक गईं। “कौन हो तुम?”
“मैं हूँ चंद्रलेखा — चंदन वन की यक्षिणी।”
💫 आकर्षण और भ्रम
आरव डरने की बजाय खिंचता चला गया। जैसे किसी अदृश्य शक्ति ने उसे अपनी ओर खींच लिया हो।
चंद्रलेखा ने अपना हाथ बढ़ाया — उसकी उंगलियाँ जैसे किसी ठंडी हवा की लहर हों।
उसने आरव के चेहरे को छुआ… और एक क्षण को आरव को ऐसा लगा जैसे समय थम गया हो।
उसकी आँखें बंद हुईं, और उसने एक हल्का स्पर्श अपने होंठों पर महसूस किया।
पहला चुंबन।
हल्का, लेकिन इतना गहरा कि उसकी आत्मा काँप गई।
🌌 रहस्य की फुसफुसाहट
"तुम यहाँ क्यों आए हो?" चंद्रलेखा ने पूछा।
"मैं सच्चाई जानना चाहता था," आरव ने कहा।
वह मुस्कुराई। “सच्चाई... कीमत माँगती है। क्या तुम चुकाने को तैयार हो?”
आरव कुछ नहीं बोला, लेकिन उसकी आँखों में दृढ़ता थी।
चंद्रलेखा उसके कान के पास आई और धीमे से बोली:
“तब कल रात फिर आना… इस झील के पास… अकेले… और बिना डर के।”
फिर वो झील में उतर गई और जल के भीतर गायब हो गई।
🔮 समाप्त (अध्याय 1)
अगले अध्याय में:
अध्याय 2: चंद्रलेखा की दुनिया –
जहां आरव उस रहस्यमयी यक्षिणी के संसार में प्रवेश करता है।
वहाँ सौंदर्य है, प्रेम है, लेकिन एक घातक सच भी — जो आरव की आत्मा को तोड़ सकता है।
और हाँ, उस रात वे दोनों… पहली बार एक-दूजे की बाँहों में समाते हैं — लेकिन उसके बाद क्या होता है?
